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Economy and Finance Facts | अर्थव्यवस्था एवं वित्त तथ्य

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    • Day Facts for 06-03-2017 -  ECONOMY & FINANCE – India & China – GDP comparison
        • 1. As of now, India and China remain the most talked-about economies due to their sheer population size, and potential for growth. The “fastest-growing” economy tag is much contested! But sizewise, it is clear that for many years, China will certainly hold its new spot at the top of the global economic table.
          Here is an image that compares the GDP figures yearwise.
          2. Both economies were of almost same size in the 1980s, but in the mid-1990s China started racing away. In recent years, both have GDP growth rates lower than earlier, with China facing a distinct credit bubble risk, and India a public sector banking NPA risk. View China’s credit bubble risk related data here, here and here.
          3. Commonly known figures for India’s national income are : (1) Nominal GDP - $2.46 trillion (2017), (2) PPP GDP - $9.59 trillion (2017), (3) Nominal GDP rank - 6th, (4) PPP GDP rank - 3rd,  (5) GDP growth - 7.2% (2014), 7.6% (2015), 7.0% (2016e), 7.6% (2017f), (6) GDP per capita - $1,852 (nominal; 2017), $7,224 (PPP; 2017), (7) GDP per capita rank - 140th (nominal) and 122nd (PPP).
          4. As per the World Bank data, the seven biggest economies of the world in 2015 were the USA ($ 18.03 trillion, 24.3% of world output), China ($ 11 t, 14.8%), Japan ($ 4.3 t, 5.9%), Germany ($ 3.3 t, 4.5%), UK ($ 2.8 t, 3.8%), France ($ 2.4 t, 3.2%), India ($ 2.09 t, 2.83%). Download the full list of GDP figures in the PDF on Bodhi Resources page, under World Bank and IMF reports tab. To get a visual understanding of the above figures, view this World GDP breakup for more.
          5. As per an earlier study by India’s Chief Economic Adviser Arvind Subramanian : “Three forces will dictate China's rise, viz., demography, convergence and gravity. China’s population is 4 times that of the USA, hence it only has to produce 25% of America's output per head to exceed America's total output. If the low prices charged for many local Chinese goods and services outside its cities is taken, China may be already the biggest economy. Convergence between poor and rich will create another big force. Buoyed by these two forces, China will account for over 23% of world GDP PPP by 2030, while America will account for less than 12%.”
          6. China will be equally dominant in trade, accounting for twice America's share of imports and exports. That projection relies on the “gravity” model of trade, which assumes that commerce between countries depends on their economic weight and the distance between them. China's trade will outpace America's both because its own economy will expand faster and also because its neighbours will grow faster than those in America's backyard.
          7. India is a leader in textiles, chemicals, food processing, steel, transportation equipment, cement, mining, petroleum, machinery, software, and pharmaceuticals (generics). China leads in gross value of industrial output; mining and ore processing, iron, steel, aluminum, and other metals, coal; machine building; armaments; textiles and apparel; petroleum; cement; chemicals; fertilizers; consumer products (including footwear, toys, and electronics); food processing; transportation equipment, including automobiles, rail cars and locomotives, ships, aircraft; telecommunications and equipment.
          8. A reliable assessment of the world’s GDP growth is the IMF World Economic Outlook report, and its latest data can be viewed here.
          9. The IMF World Economic Outlook (Jan 2017) said that in India, the growth forecast for the current (2016–17) and next fiscal year are trimmed by 1 and 0.4 percentage points respectively, due to demonetization. But the GDP figures released by CSO in Feb 2017 indicated a different picture, with GDP growing at 7.1%. View that data here and here, although CSO may revise it later.
          10. World Bank says : Global growth in 2016 is estimated at a post-crisis (GFC) low of 2.3 percent. A moderate recovery is expected in 2017 despite uncertainty (Trump, Brexit etc.). Growth projections continued to be downgraded for both advanced economies and emerging market and developing economies (EMDEs). Global goods trade was stagnant for most of 2016, while commodity prices may rise.


        • 1. चीन और भारत ऐसी अर्थव्यवस्थाएं हैं जिनके बारे में उनकी जनसंख्या के आकार मात्र और वृद्धि की क्षमता के कारण सर्वाधिक चर्चा की जाती है। “सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था का तमगा विवादित है! परंतु आकार की दृष्टि से यह स्पष्ट है कि आने वाले कई वर्षों तक चीन विश्व अर्थव्यवस्था की तालिका में अपने इस शीर्ष स्थान को बरकरार रखेगा। यहाँ एक चित्र दिया गया है जो वर्ष-वार जीडीपी आंकड़ों की तुलना करता है।
          2. 1980 के दशक में इन दोनों अर्थव्यवस्थाओं का आकार लगभग समान था, परंतु 1990 के दशक के मध्य में चीन तेजी से आगे बढ़ने लगा। हाल के वर्षों में दोनों की वृद्धि दरें पहले की तुलना में कम हैं, जहाँ चीन निश्चित रूप से एक विशिष्ट ऋण बुलबुले के खतरे का सामना करता हुआ प्रतीत होता है जबकि भारत सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों की अनर्जक परिसंपत्तियों के खतरे का सामना कर रहा है। चीन के ऋण बुलबुले से संबंधित आंकड़ें देखें यहाँ, यहां और यहां
          3. भारत की राष्ट्रीय आय के सामान्य रूप से ज्ञात आंकडे निम्न हैं : (1) सांकेतिक जीडीपी - 2.46 खरब डॉलर (2017), (2) क्रय-शक्ति समता जीडीपी - 9.59 खरब डॉलर (2017), (3) सांकेतिक जीडीपी स्थान - छठा, (4) क्रय-शक्ति समता जीडीपी स्थान - तीसरा, (5) जीडीपी वृद्धि - 7.2 प्रतिशत (2014), 7.6 प्रतिशत (2015), 7.0 प्रतिशत (2016 अनुमानित), 7.6 प्रतिशत (2017 भविष्यवाणी) (6) प्रति व्यक्ति जीडीपी - 1852 डॉलर (सांकेतिक 2017), 7224 डॉलर (क्रयशक्ति समताय 2017), (7) प्रति व्यक्ति जीडीपी स्थान - 140वां (सांकेतिक) और 122 वां (क्रयशक्ति समता) ।
          4. विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2015 में विश्व की सात सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं थीं अमेरिका (18.03 खरब डॉलर, विश्व उत्पादन का 24.3 प्रतिशत), चीन (11खरब डॉलर, 14.8 प्रतिशत), जापान (4.3 खरब डॉलर, 5.9 प्रतिशत), जर्मनी (3.3 खरब डॉलर, 4.5 प्रतिशत), यूके (2.8 खरब डॉलर, 3.8 प्रतिशत), फ्रांस (2.4 खरब डॉलर, 3.2 प्रतिशत), भारत (2.09 खरब डॉलर, 2.83 प्रतिशत)। बोधि संसाधन पृष्ठ पर, विश्व बैंक और आईएमएफ रिपोर्ट टैब के तहत जीडीपी आंकड़ों की संपूर्ण सूची डाउनलोड करें। उपरोक्त आंकड़ों के दृश्य ज्ञान के लिए, इस विश्व जीडीपी विच्छेद को देखें।
          5. भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम द्वारा पूर्व में किये गए एक अध्ययन के अनुसार रू “चीन के उदय में तीन बल निर्णायक भूमिका निभाएँगे, अर्थात, जनसांख्यिकी, अभिसरण और गुरुत्वाकर्षण। चीन की जनसंख्या अमेरिका से चार गुना अधिक है, अतः अमेरिका के कुल उत्पादन से अधिक उत्पादन के लिए केवल 25 प्रतिशत उत्पादन प्रति व्यक्ति करना होगा। यदि अनेक चीनी घरेलू वस्तुओं और सेवाओं के उसके शहरों के बाहर अल्प मूल्य का विचार किया जाए तो संभवतः चीन अब भी विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। गरीबों और अमीरों के बीच का अभिसरण भी एक बड़े बल का निर्माण करेगा। इन बलों की वृद्धि के चलते वर्ष 2030 तक विश्व जीडीपी में चीन का योगदान 23 प्रतिशत से अधिक होगा, जबकि अमेरिका का योगदान 12 प्रतिशत से भी कम होगा”।
          6. व्यापार पर भी चीन का उतना ही प्रभुत्व होगा, जहाँ उसका योगदान आयात और निर्यात की हिस्सेदारी में अमेरिका की हिस्सेदारी से दुगना होगा। यह अनुमान व्यापार के “गुरुत्वाकर्षण” मॉडल पर निर्भर है, जिसका मानना है कि देशों के बीच का वाणिज्य उनके आर्थिक वजन और उनके बीच की दूरी पर निर्भर होता है। चीन का व्यापार अमेरिका से इसलिए आगे निकल जाएगा क्योंकि एक तो उसकी अपनी अर्थव्यवस्था तेजी से विस्तार करेगी और दूसरा क्योंकि चीन के पडोसी देश अमेरिका के पडोसी देशों की तुलना में अधिक तेजी से विकास करेंगे।
          7. भारत वस्त्रोद्योग, रसायनों, खाद्य प्रसंस्करण, इस्पात, परिवहन उपकरणों, सीमेंट, खनन, पेट्रोलियम, मशीनों, सॉफ्टवेयर, और औषधियों (जातिगत) में शीर्ष पर है। चीन औद्योगिक उत्पादन के सकल मूल्य, खनन और अयस्क प्रसंस्करण, लोहा, इस्पात, एल्युमीनियम, और अन्य धातुओं, कोयले, मशीन निर्माण, हथियारों, वस्त्रोद्योग और पोशाखों, पेट्रोलियम और सीमेंट, रसायनों और उर्वरकों, उपभोक्ता उत्पादों (जूतों, खिलौनों. और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं सहित), खाद्य प्रसंस्करण, परिवहन उपकरणों, और मोटर वाहनों, रेल कारों, और रेल इंजनों, जहाजों और वयुयानों, दूर संचार और उपकरणों में शीर्ष पर है।
          8. विश्व जीडीपी वृद्धि का विश्वसनीय विश्लेषण आईएमएफ विश्व बैंक आउटलुक रिपोर्ट है, और इसके नवीनतम आंकडे यहाँ देखे जा सकते हैं।
          9. आईएमएफ विश्व बैंक आउटलुक रिपोर्ट (2017) में कहा गया है कि भारत के वर्तमान (2016-17) और अगले वित्तीय वर्ष के वृद्धि के अनुमानों में विमुद्रीकरण के कारण क्रमशः 1 और 0.4 प्रतिशत अंकों की कटौती की गई है। परंतु केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा फरवरी 2017 में जारी किये गए आंकडे एक अलग चित्र प्रस्तुत करते हैं, जिनके अनुसार जीडीपी की वृद्धि 7.1 प्रतिशत से हो रही है। यह आंकडें देखें, यहां और यहां हालांकि सीएसओ इन्हें बाद में संशोधित कर सकता है।
          10. विश्व बैंक कहती है : वर्ष 2016 में वैश्विक वृद्धि संकट पश्चात न्यून 2.3 प्रतिशत पर आंकी गई है। अनिश्चितता (ट्रम्प, ब्रेक्सिट इत्यादि) के बावजूद कर्ष 2017 में इसमें कुछ हद तक सुधार होने की संभावना है। विकसित देशों, उभरते बाजारों और विकासशील देशों के लिए वृद्धि के अनुमान लगातार कम किये जा रहे हैं। वर्ष 2016 के लगभग संपूर्ण वर्ष के दौरान वैश्विक वस्तु व्यापार गतिहीन बना हुआ था, जबकि वस्तुओं की कीमतें बढ़ने की संभावना है।



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Economy and Finance Facts | अर्थव्यवस्था एवं वित्त तथ्य

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    • Day Facts for 27-02-2017 -  ECONOMY AND FINANCE 
        • 1. The World Trade Organisation came into being on 01-January, 1995. It has gone through a long and difficult journey of several rounds of trade talks, and in Feb. 2017, the first-ever global Trade Facilitation Agreement (TFA) was ratified by 2/3 of the 164 member nations. India had ratified it on 22 April 2016, and China on 04 September 2015.
          2. The World Trade Organization (WTO) (HQ : Geneva, Switzerland) is the only international organization dealing with the global rules of trade between nations. Its main function is to ensure that trade flows as smoothly, predictably and freely as possible i.e. promotion of multilateral trade through reduction of barriers. View the key data, in an image, here
          3. Hence, reducing tariffs is the first objective, but bureaucratic delays and “red tape” are other big barriers for moving goods across borders for traders.
          4. Trade facilitation refers to the simplification, modernization and harmonization of export and import processes. WTO members concluded negotiations at the 2013 Bali Ministerial Conference on TFA, which entered into force on 22 February 2017 following its ratification by two-thirds of the WTO membership.
          5. Traders from both developing and developed countries have faced vast amounts of “red tape” that exists in moving goods across borders. Documentation requirements often lack transparency and are vastly duplicated, a problem compounded by a lack of cooperation between traders and official agencies. Despite IT tools, automatic data submission not commonplace. View what OECD thinks of WTO TFA, in an image, here
          6. The TFA contains provisions for (a) expediting the movement, release and clearance of goods, including goods in transit, (b) setting out measures for effective cooperation between customs and other appropriate authorities on trade facilitation and customs compliance issues, (c) provisions for technical assistance and capacity building.
          7. The full implementation of the TFA can reduce trade costs by an average of 14.3% and boost global trade by up to $1 trillion per year, with the biggest gains in the poorest countries. For the first time in WTO history, the requirement to implement the Agreement is directly linked to the capacity of the country to do so.
          8. A Trade Facilitation Agreement Facility (TFAF) has been created to help ensure developing and least-developed countries obtain the assistance needed to reap the full benefits of the TFA.
          9. The United Nations Conference on Trade and Development (UNCTAD) estimated that an average customs transaction involves 20–30 different parties, 40 documents, 200 data elements (30 of which are repeated at least 30 times) and the re-keying of 60–70 per cent of all data at least once. With the lowering of tariffs across the globe, the cost of complying with customs formalities has exceeded the cost of duties to be paid!
          10. You can download all relevant reports on WTO from the Bodhi Resources Page.


        • 1. विश्व व्यापार संगठन की स्थापना 1 जनवरी 1995 को हुई। यह व्यापार चर्चाओं के अनेक लंबे और कठिन चक्रों से होकर गुजरा है, और फरवरी 2017 में पहले वैश्विक व्यापार सुगमता अनुबंध (टीएफए) की प्रतिपुष्टि 164 सदस्यों में से दो-तिहाई सदस्य देशों द्वारा की गई। भारत ने इसकी प्रतिपुष्टि 22 अप्रैल 2016 को की थी, जबकि चीन ने इसकी प्रतिपुष्टि 4 सितंबर 2015 को की थी।
          2. विश्व व्यापार संगठन (डब्लूटीओ) (मुख्यालय : जिनेवा, स्विट्जरलैंड), विभिन्न देशों के बीच वैश्विक व्यापार के नियमों को संभालने वाला एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। इसका मुख्य कार्य यह सुनिश्चित करना है कि व्यापार का प्रवाह जितना अधिक से अधिक संभव हो उतना सहज, निर्बाध, अपेक्षानुसार और मुक्त रूप से हो सके। अर्थात व्यापार बाधाओं को कम करना और इसके माध्यम से बहुपक्षीय व्यापार का संवर्धन करना। महत्वपूर्ण आंकड़ें एक चित्र में देखें, यहां।
          3. अतः, प्रशुल्क कम करना इसका पहला उद्देश्य है, परंतु व्यापार के लिए वस्तुओं और माल को सीमा पार पहुंचाने के लिए नौकरशाही द्वारा किये जाने वाले विलंब और ’’लालफीताशाही’’ (रेड टेप) अन्य बड़ी बाधाएं हैं।
          4. व्यापार सुगमता का अर्थ है आयात और निर्यात प्रक्रियाओं का सरलीकरण, आधुनिकीकरण और समानीकरण (अनुकूलीकरण) करना। विश्व व्यापार संगठन के सदस्य देशों ने टीएफए पर बातचीत की प्रक्रिया वर्ष 2013 में बाली में हुए मंत्री-स्तरीय सम्मेलन के दौरान पूरी कर ली थी, और इसके दो-तिहाई सदस्य देशों द्वारा इसकी प्रतिपुष्टि करने के बाद 22 फरवरी 2017 से यह प्रभावशाली हो गया।
          5. विकसित और विकासशील, दोनों प्रकार के देशों के व्यापारियों ने माल को सीमा पार पहुंचाने की प्रक्रिया में मौजूद भारी “लालफीताशाही” का सामना किया है। आवश्यक दस्तावेजों में अक्सर पारदर्शिता का अभाव होता है और इनका बड़े पैमाने पर दोहराव होता है, और यह समस्या अधिकारियों और व्यापारियों के बीच सहयोग में कमी के चलते और अधिक बढ़ जाती है। सूचना प्रौद्योगिकी उपकरणों के बावजूद स्वचालित डेटा प्रस्तुतीकरण आसान और सहज नहीं है। इस टीएफए के बारे में ओईसीडी क्या सोचता है, देखें यहां
          6. टीएफए में निम्न के लिए प्रावधान हैं - (ए) मार्गस्थ माल सहित वस्तुओं के प्रवाह, निर्गमन और मंजूरी की गति बढ़ाना, (बी) व्यापार सुगमता और सीमा-शुल्क अनुपालन पर सीमा-शुल्क और अन्य उचित प्राधिकारियों के बीच प्रभावी सहयोग के लिए उपाय योजना बनाना, (सी) तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण के प्रावधान।
          7. टीएफए का संपूर्ण क्रियान्वयन व्यापार लागतों में औसत 14.3 प्रतिशत की कमी कर सकता है और वैश्विक व्यापार में प्रति वर्ष 1 खरब डॉलर की वृद्धि कर सकता है, जिसके प्रमुख लाभ गरीबतम देशों को होंगे। विश्व व्यापार संगठन के इतिहास में पहली बार समझौते के क्रियान्वयन की आवश्यकता संबंधित देश की ऐसा करने की क्षमता के साथ सीधे जोड़ी गई है।
          8. विकासशील और न्यूनतम विकसित देशों को टीएफए के सभी लाभ प्राप्त करने के लिए आवश्यक सहायता प्राप्त हो सके यह सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापार सुगमता अनुबंध सुविधा (टी.एफ.ए.एफ) निर्मित की गई है।
          9. संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (यूएनसीटीएडी) ने आकलन किया है कि एक औसत सीमा-शुल्क लेनदेन में 20-30 विभिन्न पक्ष, 40 दस्तावेज, 200 डेटा तत्व (जिनमें से 30 कम से कम 30 बार दोहराए जाते हैं) और संपूर्ण डेटा के 60-70 प्रतिशत को कम से कम एक बार पुनः कुंजीयन (री-कीइंग) करना शामिल है। विश्व स्तर पर प्रशुल्कों में कमी होने के साथ ही सीमा-शुल्क औपचारिकताओं के अनुपालन की लागतें भुगतान किये जाने वाले शुल्क की लागत से कहीं अधिक हो गई हैं।
          10. विश्व व्यापार संगठन पर सभी प्रासंगिक रिपोर्ट्स आप बोधि संसाधन पृष्ठ से डाउनलोड कर सकते हैं।


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    • Day Facts for 20-02-2017 -  ECONOMY AND FINANCE 
        • 1. As per Economic Survey of India 2016-17, our tax to GDP ratio is at 16.6 per cent and is well below the emerging market economy (EME) figure of 21% and OECD averages of 34 %. So, we collect less taxes compared to our size. Remember that tax to GDP ratio includes all income taxes (income/wealth/property/capital gains taxes), and all indirect taxes (excise duty, customs duty, service tax, etc. – i.e. the GST).
          2. Taxes can be (1) on Income and Expenditure (Direct taxes) like Corporation Tax (income tax on companies) and Income Taxes on individuals, or (2) on Commodities and Services (Indirect taxes) like Customs, Excise Duties and Service Tax.  Indirect taxes are taxes on goods, services, excise goods and so on, hence everyone who purchases or consumes a good or service pays them (including the poor).
          3. India’s direct-indirect tax ratio is roughly in a 35:65 ratio. In rich world (OECD countries), this ratio is roughly 67:33 (direct to indirect). Hence, many rich are evading taxes in India, and many poor are forced to pay taxes! See the Voter – Taxpayer ratio and numbers in this image for a clearer idea
          4. Why should we worry about “Tax to GDP ratio”? Because this low ratio means the government’s revenues are not enough to run developmental programmes, thereby forcing it to borrow, and increasing its fiscal deficit. Again, why should we worry? Because govt. borrows huge amounts from PSU banks at low rates, which depresses our savings deposit rates also in tandem! So cheating on taxes hits everyone, including the cheaters. Watch India's historical tax to GDP ratio, here
          5. At least 24% of PSU bank deposits are compulsorily invested in government securities (= govt. borrowings). So government is scared everytime savings rate drops (where will it get such large funds so cheaply otherwise).
          6. Approximately speaking, roughly 5.5 per cent of earning individuals pay taxes, which is just above 1% of Indian population. Unless this grows, health and education cannot get proper spends. Around 90% Indian households earn less than Rs.2.5 lac a year, which was the tax exemption limit. It keeps changing. Farmers, even if crorepatis, are not needed to pay taxes. Non-salaried classes pay lower rates.
          7. The Goods and Services Tax (GST) regime will have a positive but naturally limited impact in deepening the broader objective of citizen participation, state building and democratic accountability. Read a comprehensive Bodhi on GST here.
          8. There was an increase in the tax to GDP ratio of about 0.5 % in 2015, and 2016, due to higher indirect taxes collected while crude oil prices kept lowering. There will be large one-time gains from demonetisation and the black money disclosure schemes.
          Watch many video analyses of Taxation related issues on Bodhi Shiksha
          9. The withdrawal of high-value currency notes has taken the cash to GDP number for India to 7.3% of the GDP, lower than even that 7.8% in the USA. It was around 13% in October 2016, when demonetization happened, and may finally settle around 10%. Car sales on an average in last five years (2012-2017) has been about 25 lakh pieces per year. In the last three years the car sales were 25.03 lakh, 26 lakh and 27 lakh. Apparently, most people are evading taxes. Big Data analysis post-demonetisation can totally change this situation in the future, and escaping may be impossible. (So, car sales will collapse? Ha ha!)
          10. For point 2 above, Income Tax for 2016-17 (as per Budget 2017-18) was Rs 3.45 lac crores (Rs.3,45,000,00,00,000), or 20.2% of the total tax revenues (Direct + Indirect, Centre + States). Companies paid Rs.4.93 lac crores. Customs duties were Rs.2.17 lac crores, Excise was Rs.3.86 lac crores, and Service Tax was Rs.2.47 lac crores. See the exact breakup in this image to understand better.


        • 1. 2016-17 के आर्थिक समीक्षा के अनुसार हमारा कर से जीडीपी का अनुपात है 16.6 प्रतिशत है और ये उभरती अर्थव्यवस्थाओं के 21 प्रतिशत और ओईसीडी के 34 प्रतिशत के औसत से बहुत कम है। अत‘, हम अपने आकार के मुताबिक बहुत कम कर इकठ्ठा कर पा रहे हैं। याद रखें - कर से जीडीपी अनुपात में सभी आयकर (आय/संपत्ति/पूंजीगत लाभ कर), एवं सभी अप्रत्यक्ष कर (उत्पाद शुल्क, आयात शुल्क, सेवा कर आदि - अर्थात जीएसटी) शामिल हैं।
          2. कर दो प्रकार के हो सकते हैं - (1) आय और व्यय पर (प्रत्यक्ष कर) जैसे कि निगमित कर (कंपनियों पर आयकर) एवं व्यक्तियों पर आयकर, या (2) वस्तुओं और सेवाओं पर (अप्रत्यक्ष कर) जैसे कि आयात शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर। चूंकि अप्रत्यक्ष कर सेवाओं और उत्पाद पर लगते हैं, अतः हर व्यक्ति जो कोई वस्तु खरीदे या सेवा का इस्तेमाल करें उन्हें चुकाता है (इनमें गरीब भी शामिल है)।
          3. भारत का प्रत्यक्ष से अप्रत्यक्ष कर का अनुपात लगभग 35 : 65 है। अमीर देशों में यह अनुपात लगभग 67 : 33 है (प्रत्यक्ष से अप्रत्यक्ष) अतः, भारत में अनेक अमीर कर चुकाने से बच रहे हैं, और अनेक कर चुकाने को मजबूर हैं। मतदाता से करदाता का अनुपात समझने के लिए इस चित्र को देखें
          4. आखिर हम इस ‘‘कर से जीडीपी अनुपात’’ की चिंता क्यों करें? इसलिये कि इस अनुपात का कम होना यह दर्शाता है कि सरकार का राजस्व विकास कार्यक्रम चलाने हेतु पर्याप्त नहीं है, और मजबूरी में उसे उधारी लेनी पड़ती है, जिससे राजकोशीय घाटा बढ़ जाता है। पुन‘ हम चिंता क्यों करें? इसलिये कि सरकार सरकारी बैंकों से बड़ी मात्रा में कर्ज लेती है, जिससे जमाराशि की ब्याज दरें उसी अनुपात में कम होने लगती हैं! अतः कर चोरी से सभी को नुकसान होता है, चोरी करने वालो को भी। भारत का ऐतिहासिक कर-जीडीपी अनुपात रुझान यहाँ देखें
          5. कम से कम 24 प्रतिशत सरकारी बैंक जमा राशियां सरकारी प्रतिभूतियों में निवेशित होती हैं (= सरकारी उधारियां)। अत‘ सरकार को बचत दर गिरने से बड़ा भय लगता है (इतने सस्ते में इतनी राशि ओर कहां से मिलेगी)।
          6. मोटे तौर पर, कमाई करने वालों व्यक्तियों में से लगभग 5.5 प्रतिशत कर देते हैं, जो भारतीय जनसंख्या के 1 प्रतिशत से थोडा अधिक है। जबतक यह नहीं बढ़ेगा, स्वास्थ्य शिक्षा को सही व्यय समर्थन नहीं मिल सकेगा। लगभग 90 प्रतिशत भारतीय घर प्रतिवर्ष रू. 2.5 लाख से कम कमाते हैं, जो कि कर छूट सीमा भी है। और यह बदलती रहती है। किसान चाहे करोड़पति हों उन्हें कर नहीं देना होता।
          7. गैर-वेतन भोगी वर्ग भी कम दरों पर व्यय देता है। वस्तु और सेवा कर प्रशासन नागरिक भागीदारी के व्यापक लक्ष्य, राज्य निर्माण और लोकतांत्रिक जवाबदेही जैसे बड़े लक्ष्यों को हासिल करने में एक सकारात्मक किंतु सीमित भूमिका निभा पायेगा। जीएसटी पर एक विस्तृत बोधि यहां पढ़ें।
          8. 2015 और 2016 में कच्चे तेल की गिरती कीमतों की वजह से अधिक अप्रत्यक्ष कर संग्रहरण होने से कर से जीडीपी अनुपात में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि हो गई थी। इसके अलावा विमुद्रीकरण और काला धन घोषणा योजनाओं से भी सरकार को एक बार का लाभ अवश्य मिलेगा। बोधि शिक्षा चेनल पर कराधान संबंधी विडियो विश्लेषण देखें।
          9. उच्च मूल्य के करेंसी नोट समाप्त किये जाने से भारत में नगदी से जीडीपी अनुपात जीडीपी के 7.3 प्रतिशत तक गिर गया, जो अमेरिका के 7.8 प्रतिशत से भी कम है। जब विमुद्रीकरण हुआ, तब अक्टूबर 2016 में यह लगभग 13 प्रतिशत था, और अंततः यह लगभग 10 प्रतिशत पर आकर रूकेगा। पिछले 5 वर्षों में (2012 से 2017) औसतन प्रतिवर्ष 25 लाख गाड़िया बिकी है, पिछले 3 वर्षों में गाडियों की ब्रिक्री रही है 25.03 लाख, 26 लाख और 27 लाख। साफ है, बहुत से लोग कर नहीं चुका रहे हैं, भविष्य में विमुद्रीकरण के बाद बिग डेटा विश्लेषण से यह स्थिति बदल जायेगी और बचना आसंभव हो जायेगा (तो क्या कारों की बिक्री गिर जायेगी? हाहा!)।
          10. उपरोक्त बिंदु 2 के लिये 2016-17 में (बजट 2017’18 के अनुसार) आयकर था, (रूपये 3,45,000,00,00,000 या कुल कर राजस्व का 20.02 प्रतिशत) (प्रत्यक्ष + अप्रत्यक्ष, केंद्र + राज्य)। कंपनीयों ने रूपये 4.93 लाख चुकाये आयात शुल्क रहे रू. 2.17 लाख करोड़, उत्पाद शुल्क रहा रूपये 3.86 लाख करोड़, और सेवा कर था रूपये 2.47 लाख करोड़। वास्तविक आंकड़ें समझने के लिये कृपया यह चित्र देखें।


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Economy and Finance Facts | अर्थव्यवस्था एवं वित्त तथ्य

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    • Day Facts for 13-02-2017 -  ECONOMY AND FINANCE
        • 1. In India, a Scheduled Bank is a bank that is included in the second schedule of the Reserve Bank of India Act, 1934. These banks are nationalized, private and foreign banks operating in India.
          2. A scheduled bank is eligible for loans from RBI at the Bank Rate.
          3. Cooperative banks need to fulfill certain criteria for inclusion in the second schedule. These include Demand and Time Liabilities (DTL) not less than Rs.750 crores continuously for one year, minimum 12% CRAR (Capital to Risk weighted Asset Ratio), net profit continuously for three years, NPAs less than 5% and compliance with CRR/SLR requirements.
          4. Sir Osborne Smith (1935-37) was the first governor of RBI.
          5. Originally, RBI’s main office was located in Kolkata, which was shifted to Mumbai in 1937.
          6. The RBI logo was inspired from the East India Company Double Mohur. So, our Central Bank is a proud bearer of a colonial legacy, reshaped to suit the modern times!
          7. The financial year of RBI is from July 1 to June 30. Dr. Manmohan Singh is the only Prime Minister to have served as the Governor of RBI. The post of Governor remains not entirely insulated from political needs and pressures, due to compulsions of a growing economy. Watch video analyses on Indian economy & Banking on Bodhi Shiksha channel
          8. The first Woman to become RBI Deputy Governor was K. J. Udeshi. She was appointed in 2003. RBI’s track record in promoting women to the top rungs is as good or as bad as other top corporate in India.
          9. RBI was also the Central Bank for two other countries. It served as Pakistan’s Central Bank till June 1948, and the Central Bank of Burma (Myanmar) till April 1947. This was purely due to British colonial needs of the time.
          10. Reserve Bank of India (RBI) was established on the recommendation of Hilton Young Commission.


        • 1. भारत में अनुसूचित बैंक वह होती है जो भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में शामिल होती है। इनमें राष्ट्रीयकृत, निजी और भारत में कार्यरत विदेशी बैंकें शामिल हैं
          2. अनुसूचित बैंकें आरबीआई से बैंक दर पर ऋण प्राप्त करने के लिए पात्र होती हैं।
          3. दूसरी अनुसूची में शामिल होने के लिए सहकारी बैंकों को कुछ मानदंडों को पूर्ण करना आवश्यक होता है। इन मानदंडों में लगातार एक वर्ष तक कम से कम 750 करोड़ रुपये की मांग और मियादी देयताएं, कम से कम तीन वर्षों तक न्यूनतम 12 प्रतिशत पूँजी से जोखिम भारित परिसंपत्ति पर्याप्तता अनुपात (सीआरएआर) (जिसे पूँजी पर्याप्तता अनुपात कहा जाता है), 5 प्रतिशत से कम अनर्जक परिसंपत्तियां और आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) और सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) का अनुपालन शामिल है।
          4. सिर ओस्बोर्न स्मिथ (1935-37) आरबीआई के पहले गवर्नर थे।
          5. मूलतः आरबीआई का मुख्यालय कोलकाता में स्थित था, जिसे वर्ष 1937 में मुंबई स्थानांतरित किया गया
          6. आरबीआई का प्रतीक चिन्ह ईस्ट इंडिया कंपनी के गोल्ड मोहर से प्रेरित है। अतः, हमारा केंद्रीय बैंक एक औपनिवेशिक विरासत का वारिस रहा है, जिसे आधुनिक समय के हिसाब से ढाला गया है। Watch video analyses on Indian economy & Banking on Bodhi Shiksha channel
          7. आरबीआई का वित्तीय वर्ष 1 जुलाई से 30 जून तक होता है। डॉ. मनमोहन सिंह ऐसे एकमात्र प्रधानमंत्री हैं जो आरबीआई के गवर्नर रह चुके हैं। एक बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था की मजबूरियों के चलते गवर्नर (अध्यक्ष) का पद पूरी तरह से राजनीतिक जरूरतों और दबावों से मुक्त नहीं रह पाता।
          8. आरबीआई की डिप्टी गवर्नर बनने वाली पहली महिला श्रीमती के. जे. उदेशी हैं। उन्हें वर्ष 2003 में डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया था। महिलाओं को शीर्ष पदों तक पदोन्नत करने में आर.बी.आई. का रिकॉर्ड भारत की अन्य बड़ी कंपनियों जितना ही अच्छा या बुरा है।
          9. आरबीआई दो अन्य देशों की केंद्रीय बैंक भी रही है। जून 1948 तक इसने पाकिस्तान की केंद्रीय बैंक के रूप में सेवाएँ दीं और अप्रैल 1947 तक यह बर्मा (म्यांमार) की केंद्रीय बैंक भी थी। ये पूरी तरह से उस वक्त की ब्रिटिश सरकार की आवश्यकताओं के अनुरूप ही था।
          10. भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना हिल्टन यंग समिति की सिफारिश पर की गई थी
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    • Day Facts for 06-02-2017 -  ECONOMY AND FINANCE
        • 1. India’s first budget was presented on April 7, 1860 to the British Crown by East India Company’s James Wilson.
          2. Independent India’s first budget was presented by the country’s first finance minister R. K. Shanmukham Chetty on November 26, 1947. Actually it was a review of the economy, hence no new taxes were proposed. From then on an interim budget began to mean a budget for a short period.
          3. John Mathai was India’s third finance minister and had the privilege of presenting the first budget of the Republic of India.
          4. The budget documents were printed in Hindi for the first time during 1955-56 budget.
          5. The budget was presented at 5 PM till the year 2000. Finance Minister Yeshwant Sinha changed the practice and presented the budget at 11.00 AM during the budget of 2001.
          6. Morarji Desai has the credit of presenting the maximum number of budgets. He presented 10 budgets. He is the only finance minister to present the budget on his birthday (29th Feb.) twice in 1964 and 1968.
          7. Two major changes were affected in budget 2017 for the first time – First, the budget was presented on the first day of February instead of the last day of February and second, that the Railway Budget was amalgamated with the Union Budget.
          8. Jawaharlal Nehru, Indira Gandhi and Rajiv Gandhi are the three prime ministers who presented the Union Budget.
          9. Dr. Manmohan Singh became the finance minister in 1991 and presented the budget in which he opened up the economy (with full support of PM Narasimha Rao), encouraged foreign investment and reduced peak import duty from 300% to 50%.
          10. The final budget for 1996-97 was presented by Shri P. Chidambaram as the finance minister in the I. K. Gujaral government, but as the government was on its way out, a special session of the Parliament was convened only to pass the budget, which was passed without a debate.


        • 1. भारत का पहला बजट 7 अप्रैल 1860 को ईस्ट इंडिया कंपनी के जेम्स विल्सन द्वारा ब्रिटिश ताज को प्रस्तुत किया गया था।
          2. स्वतंत्र भारत का पहला बजट देश के पहले वित्तमंत्री आर. के. षन्मुखम चेट्टी द्वारा 26 नवंबर 1947 को प्रस्तुत किया गया था। वास्तव में यह अर्थव्यवस्था की समीक्षा मात्र थी, अतः इसमें कोई कर प्रस्तावित नहीं किये गए थे। उसी समय से अंतरिम बजट को अल्पावधि बजट माना जाने लगा।
          3. जॉन मथाई भारत के तीसरे वित्तमंत्री थे और उन्हें भारत गणराज्य का पहला बजट प्रस्तुत करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
          4. बजट के दस्तावेज वर्ष 1955-56 के दौरान पहली बार हिंदी भाषा में मुद्रित किये गए थे।
          5. वर्ष 2000 तक बजट शाम 5 बजे प्रस्तुत किया जाता था। वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने इस प्रथा में परिवर्तन किया और वर्ष 2001 का बजट पहली बार सुबह 11 बजे प्रस्तुत किया गया।
          6. श्री मोरारजी देसाई को अब तक सर्वाधिक बजट प्रस्तुत करने का श्रेय प्राप्त है। उन्होंने कुल 10 बजट प्रस्तुत किये। वे एकमात्र ऐसे वित्तमंत्री थे जिन्हें वर्ष 1946 और 1968 को दो बार अपनी जन्मतिथि (29 फरवरी) को बजट प्रस्तुत करने का अवसर मिला।
          7. वर्ष 2017 के बजट के दौरान पहली बार दो परिवर्तन किये गए - पहला, यह फरवरी के अंतिम दिन के बजाय फरवरी के पहले दिन प्रस्तुत किया गया, और दूसरा, रेलवे बजट का केंद्रीय बजट में विलय किया गया।
          8. जवाहरलाल नेहरु, इंदिरा गाँधी और राजीव गाँधी ऐसे तीन प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने अपने शासनकाल के दौरान बजट प्रस्तुत किये
          9. डॉ. मनमोहन सिंह वर्ष 1991 में वित्तमंत्री बने और उन्होंने बजट प्रस्तुत किया जिसमें अर्थव्यवस्था को खुला किया गया, (जिसमें प्रधानमंत्री श्री नरसिम्हा राव का पूर्ण समर्थन था) विदेशी निवेश को प्रोत्साहित किया गया और चरम आयात शुल्क को 300 प्रतिशत से कम करके 50 प्रतिशत किया गया।
          10. वर्ष 1996-97 का अंतिम बजट आई. के. गुजराल के नेतृत्व वाली सरकार के वित्तमंत्री के रूप में श्री पी. चिदंबरम द्वारा प्रस्तुत किया गया था। परंतु यह सरकार गिरने वाली थी अतः बजट पारित करने के लिए संसद का विशेष अधिवेशन बुलाया गया था जिसमें बिना किसी बहस के बजट पारित किया गया था।


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Economy and Finance Facts | अर्थव्यवस्था एवं वित्त तथ्य

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    • Day Facts for 30-01-2017 -  ECONOMY AND FINANCE
        • 1. The Central Board of Direct Taxes (CBDT) has formally announced the implementation of GAAR norms (General Anti Avoidance Rules) to be effective from FY 2017-18 (assessment year 2018-19). The provisions of General Anti Avoidance Rule (GAAR) are contained in Chapter X-A of the Income Tax Act, 1961. 
          2. The idea of GAAR is to tackle those commercial transactions which are done specially to avoid taxes. GAAR of India was considered controversial as it could seek taxes from past overseas deals involving local assets retrospectively. The precipitating case was the Vodafone – Hutchinson Essar deal 2007.
          3. In 2007, Vodafone entered India by buying Hutchison Essar, in a deal which took place in the Cayman Islands (a tax-haven). In September 2007, a notice was sent by Indian govt. to Vodafone demanding more than US $ 2 billion in taxes. Vodafone claimed it was invalid as the deal was between two foreign firms, but govt. claimed it was taxable as the underlying assets involved were located in India.
          4. The draft Direct Taxes Code Bill as early as 2009 (DTC 2009) contained the provisions for GAAR. Taxpayers had demanded clarifications on implementation of GAAR provisions and a Working Group was constituted by Central Board of Direct Taxes (CBDT) to examine the issues raised. Accordingly, CBDT has issued the clarifications on implementation of GAAR provisions on 27th January (Friday), 2017.
          5. The stakeholders have been assured by the Finance Ministry that adequate procedural safeguards are in place to ensure that GAAR is invoked in a uniform, fair and rational manner.
          6. The adoption of a domestic anti-tax-avoidance rule (GAAR) was considered important as anti-abuse rules in tax treaties is not considered good enough to really ensure all tax evasion stops. The necessary procedures for application of GAAR and conditions under which it shall not apply, are in Rules 10U to 10UC of the Income-tax Rules, 1962.
          7. If the jurisdiction of FPI is finalized based on non-tax commercial considerations and the main purpose of the arrangement is not to obtain tax benefit, then GAAR will not apply.  GAAR will not interplay with the right of the taxpayer to select or choose method of implementing a transaction.
          8. The proposal to apply GAAR will be vetted first by the Principal Commissioner of Income Tax / Commissioner of Income Tax and at the second stage by an Approving Panel headed by a judge of High Court.
          9. If at the time of sanctioning an arrangement, the Court has explicitly and adequately considered the tax implications, GAAR will not apply to such an arrangement (and also if an arrangement is held as permissible by the Authority for Advance Rulings).
          10.  The Government has assured it is committed to provide certainty and clarity in tax rules. [Read full PIB notification here]


        • 1. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने जीएएआर (सामान्य अपवंचन विरोधी नियम) मानदंडों के वित्त वर्ष 2017-18 (निर्धारण वर्ष 2018-19) से प्रभावी क्रियान्वयन की औपचारिक घोषणा की है। अपवंचन विरोधी नियमों (जीएएआर) के प्रावधान आयकर अधिनियम, 1961 के अध्याय एक्स-ए में मौजूद हैं
          2. जीएएआर का उद्देश्य उन वाणिज्यिक लेनदेनों से निपटना है जो विशेष रूप से कर चोरी के उद्देश्य से ही किये जाते हैं। भारतीय जीएएआर को विवादस्पद माना गया क्योंकि वह पूर्वव्यापी प्रभाव से स्थानीय परिसंपत्तियों से संबंधित पूर्व के विदेशी सौदों से भी कर की मांग कर सकता था। इससे निर्माण हुआ मामला वोडाफोन-हचिसन एस्सार सौदा वर्ष 2007 था
          3. वर्ष 2007 में वोडाफोन ने कैमन द्वीप (कर मुक्त क्षेत्र, या कर स्वर्ग) में किये गए एक सौदे में हचिसन एस्सार की खरीद के माध्यम से भारत में प्रवेश किया। सितंबर 2007 में भारत सरकार द्वारा वोडाफोन को एक नोटिस दिया जिसमें कर के रूप में 2 अरब डॉलर की मांग की गई थी। वोडाफोन ने इसे इस आधार पर अवैध बताया क्योंकि यह सौदा दो विदेशी कंपनियों के बीच हुआ था, परंतु सरकार का दावा था कि यह कर पात्र है क्योंकि इस सौदे में अंतर्निहित परिसंपत्ति भारत में स्थित है
          4. जीएएआर के प्रावधान वर्ष 2009 के प्रत्यक्ष कर संहिता विधेयक मसौदे में शामिल थे। करदाताओं ने जीएएआर के प्रावधान के क्रियान्वयन पर स्पष्टीकरण की मांग की थी अतः उठाए गए मुद्दों की समीक्षा के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा एक कार्य समूह का गठन किया गया। तदनुसार केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा 27 जनवरी (शुक्रवार) 2017 को जीएएआर के प्रावधानों के क्रियान्वयन के संबंध में स्पष्टीकरण जरी किया गया है
          5. वित्त मंत्रालय द्वारा हितधारकों को आश्वासन दिया गया है कि जीएएआर को समान रूप से, निष्पक्ष रूप से और तर्कसंगत तरीके से लागू करने की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए उचित सुरक्षा उपाय किये गए हैं
          6. घरेलू कर-अपवंचन विरोधी नियम (जीएएआर) इसलिए महत्वपूर्ण माना गया क्योंकि कर संधियों में मौजूद दुरूपयोग विरोधी नियमों को वास्तविक रूप में कर अपवंचन को रोकने की दृष्टि से पर्याप्त नहीं माना गया। जीएएआर के अनुप्रयोग और यह किन स्थितियों में अनुप्रयुक्त नहीं किया जा सकता इस संबंध में आवश्यक प्रक्रियाएं आयकर नियम-पुस्तिका, 1962 के नियम 10 यू से 10 यूसी में दी गई हैं
          7. यदि एफपीआई का क्षेत्राधिकार गैर-कर वाणिज्यिक अवधारणाओं के आधार पर निश्चित किया गया और यदि इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य कर लाभ प्राप्त करना नहीं है तो जीएएआर अनुप्रयुक्त नहीं होगा। जीएएआर करदाताओं के लेनदेन के क्रियान्वयन की पद्धति को चुनने के अधिकार के साथ अन्योन्य क्रिया नहीं करेगा
          8. जीएएआर को लागू करने के प्रस्ताव पहले आयकर के प्रधान आयुक्त / आयकर आयुक्त द्वारा पुनरीक्षित किये जाएँगे और दूसरे चरण में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली अनुमोदन समिति द्वारा पुनरीक्षित किये जाएँगे
          9. यदि किसी व्यवस्था की मंजूरी के समय न्यायालय ने कर प्रभावों पर स्पष्ट रूप से विचार किया है तो ऐसी व्यवस्थाओं पर जीएएआर लागू नहीं होगा (साथ ही यदि किसी व्यवस्था को अग्रिम नियमन के लिए निर्मित प्राधिकरण द्वारा जायज माना गया है)
          10. सरकार ने विश्वास दिलाया है कि वह कर नियमों में सुनिश्चितता और स्पष्टता के प्रति प्रतिबद्ध है [संपूर्ण पीआईबी अधिसूचना यहाँ पढ़ें]

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    • Day Facts for 23-01-2017 - ECONOMY AND FINANCE
        • 1. Today’s topic : National Income Classifications. Earlier, countries were classified in the World Development Report using these parameters – “Developing economies” divided into low income and middle income; OECD membership used to define “industrial” countries” and other economies listed as “capital surplus oil exporters” and “centrally planned economies.” That method is not used anymore.
          2. Today, the World Bank divides economies into four income groupings: low, lower-middle, upper-middle, and high, based on GNI per capita (in U.S. dollars, converted from local currency using the World Bank’s Atlas method).
          3. The World Bank provides its classification regularly. As of 1 July 2016, low-income economies are those with a GNI per capita of $1,025 or less in 2015.   (GNI = GNP)
          4. Now come the middle income economies – (a) Lower middle-income economies are those with a GNI per capita between $1,026 and $4,035, and (b) Upper middle-income economies are those with a GNI per capita between $4,036 and $12,475.
          5. So in 2016-17, India is a lower middle income country as per standard classification. Our per capita income is approx. US $ 1800.
          6. Finally, the High income group. Economies with a GNI per capita of $12,476 or more are high-income.
          7. So, if India wants to reach the High Income group from present situation, then we need to grow at 8% per annum for 30 years.
          8. In 2016, the world GDP (nominal) was estimated at US $ 74 trillion (World Bank estimate). The top 3 were – US ($ 18 trillion), China ($ 11 trillion) and Japan ($ 4 trillion). India was ranked seventh at just above US $ 2 trillion.
          9. Similarly, in 2016, the world GDP (PPP – Purchasing Power Parity) was estimated at US $ 114 trillion (World Bank estimate). The top 3 were – China ($ 19 trillion), US ($ 18 trillion) and India ($ 8 trillion).
          10. Comparisons using PPP are useful because PPP takes into account the relative cost of local goods, services and inflation rates of the country, rather than using international market exchange rates which may distort the real differences in per capita income.


        • 1. आज का विषय ; राष्ट्रीय आय के वर्गीकरण। पूर्व में विभिन्न देशों को विश्व विकास रिपोर्ट में निम्न मानदंडों का उपयोग करके वर्गीकृत किया जाता था - “विकाशशील अर्थव्यवस्थाएं” अल्प आय और मध्यम आय में वर्गीकृत की जाति थीं ; ओईसीडी की सदस्यता “औद्योगिक देशों” और अन्य अर्थव्यवस्थाओं को “पूँजी अधिशेष तेल निर्यातक” और “केंद्रीकृत नियोजित अर्थव्यवस्थाओं” के रूप में सूचीबद्ध करके परिभाषित करती थी। यह पद्धति अब उपयोग नहीं की जाती
          2. आज विश्व बैंक प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय के आधार पर (विश्व बैंक की एटलस पद्धति का उपयोग करके स्थानीय मुद्रा से अमेरिकी डॉलर में परिवर्तित की गई) अर्थव्यवस्थाओं को चार आय समूहों में विभाजित करती है : निम्न, निम्न -मध्यम, उच्च-मध्यम और उच्च आय
          3. विश्व बैंक अपना वर्गीकरण नियमित रूप से प्रदान करती है। 1 जुलाई 2016 तक निम्न आय अर्थव्यवस्थाएं वे हैं जिनकी प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय वर्ष 2015 में 1,025 डॉलर या उससे कम थी (सकल राष्ट्रीय आय = सकल राष्ट्रीय उत्पाद)
          4. इसके बाद मध्यम आय अर्थव्यवस्थाएं आती हैं - (ए) निम्न मध्यम-आय अर्थव्यवस्थाएं वे हैं जिनकी प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय 1,026 डॉलर से 4,035 डॉलर के बीच है, और (बी) उच्च मध्यम-आय अर्थव्यवस्थाएं वे हैं जिनकी प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय 4,036 डॉलर से 12,476 डॉलर के बीच है
          5. अतः मानक वर्गीकरण के अनुसार वर्ष 2016-17 में भारत एक निम्न मध्यम आय देश है। हमारी प्रति व्यक्ति आय लगभग 1800 डॉलर है
          6. अंत में उच्च आय समूह। ऐसी अर्थव्यवस्थाएं जिनकी प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय 12,476 डॉलर से अधिक है वे उच्च आय अर्थव्यवस्थाएं हैं
          7. अतः यदि भारत आज की स्थिति से उच्च आय समूह में जाना चाहता है तो हमें अगले 30 वर्षों तक 8 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से वृद्धि करनी होगी
          8. वर्ष 2016 में विश्व जीडीपी (सांकेतिक) 74 खरब डॉलर (विश्व बैंक के अनुमान) अनुमानित की गई थी। शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाएं थीं अमेरिका (18 खरब डॉलर), चीन (11 खरब डॉलर), और जापान (4 खरब डॉलर) । 2 खरब डॉलर से कुछ अधिक पर भारत को सातवाँ स्थान प्रदान किया गया था
          9. उसी प्रकार, वर्ष 2016 में विश्व जीडीपी (क्रय-शक्ति समता) 114 खरब डॉलर (विश्व बैंक के अनुमान) अनुमानित की गई थी। शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाएं थीं चीन (19 खरब डॉलर), अमेरिका (18 खरब डॉलर और भारत (8 खरब डॉलर)
          10. क्रय शक्ति समता का उपयोग करके की गई तुलना इसलिए उपयोगी होती है क्योंकि क्रय शक्ति समता अंतर्राष्ट्रीय बाजार की विनिमय दरों का उपयोग करने के बजाय देश की स्थानीय वस्तुओं और सेवाओं की सापेक्ष लागत, और मुद्रास्फीति की दरों को भी ध्यान में रखती है क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार की विनिमय दरें प्रति व्यक्ति आय के वास्तविक अंतर को विकृत कर सकती है


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Economy and Finance Facts | अर्थव्यवस्था एवं वित्त तथ्य

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    • Day Facts for 16-01-2017 - ECONOMY AND FINANCE
        • 1. The Central Statistics Office (CSO) is the apex body for coordinating statistical activities in India, headed by a Director General. It puts out the national income figures regularly.
          2. The National Accounts Division (NAD) prepares national accounts, including Gross Domestic Product (GDP), Government and Private Final Consumption Expenditure, Fixed Capital Formation (GFCF) etc. Since these affect the entire debate on Indian economy, the CSO is always the focus of attention!
          3. An annual publication – the “National Accounts Statistics” – carries the main ideas and figures.
          4. NAD also prepares quarterly GDP estimates at current and constant prices, estimates Capital Stock and Consumption of Fixed Capital, estimates State-wise Gross Value Added and Gross Fixed Capital Formation of major sectors (Railways, Communication, Banking & Insurance and Central Government Administration).
          5. The Chief Statistician of India is Mr. T.C.A. Anant. He also is the secretary of the Ministry of Statistics and Programme Implementation (MoSPI), under which the CSO operates.
          6. The Economic Statistics Division (ESD) conducts the crucial Economic Censuses and Annual Surveys of Industries (ASI). It also compiles All India Index of Industrial Production (IIP), something that indicates the general direction of our economy.
          7. Since 2014, when the base year for calculation of GDP estimates was changed to 2011-12, there has been a constant debate over how valid the new numbers are.
          8. India is one of the few large economies in the world, whose growth rates are consistently above 6%. The other is China. All the others have struggles since 2008 Recession to maintain high rates.
          9. The Chinese economy is said to be reeling under a huge debt crisis – the Debt Bubble – which can burst in any quarter exposing large sections of over-leveraged industries. It can directly harm economies like Australia which have deep commodity ties with China.
          10. India’s economy is largely composed of the informal sector, which is a great contributor to employment and GDP numbers. Demonetisation will change its dynamics ultimately.


        • 1. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) भारत में सांख्यिकी गतिविधियों के समन्वय के लिए शीर्ष निकाय है जिसका नेतृत्व महानिदेशक करते हैं। यह राष्ट्रीय आय के आंकड़ों को नियमित रूप से जारी करता है
          2. राष्ट्रीय लेखा प्रभाग (एनएडी) राष्ट्रीय लेखा तैयार करता है, जिसमें सकल घरेलू आय (जीडीपी), सरकारी और निजी अंतिम उपभोग व्यय, स्थिर पूँजी निर्माण (जीएफसीएफ) इत्यादि  भी शामिल होते हैं। चूंकि ये भारतीय अर्थव्यवस्था की समस्त बहस को प्रभावित करते हैं अतः केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय हमेशा ध्यानाकर्षण के केंद्र में रहता है
          3. एक वार्षिक प्रकाशन - “राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी”- में मुख्य विचार और आंकडे होते हैं 
          4.
          एनएडी वर्तमान एवं स्थिर मूल्यों पर जीडीपी के तिमाही अनुमान भी तैयार करता है, स्थिर पूँजी के पूँजी संग्रह और उपभोग के अनुमान व्यक्त करता है, प्रमुख क्षेत्रों (रेलवे, दूरसंचार, बैंकिंग एवं बीमा, और केंद्र सरकार का प्रशासन) के राज्य-वार सकल मूल्य वर्धित और सकल स्थिर पूँजी के अनुमान व्यक्त करता है 
          5.
          भारत के मुख्य सांख्यिकीविद श्री टी. सी. ए. अनंत हैं। वे सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के सचिव भी हैं, जिसके अंतर्गत केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय कार्य करता है
          6.
          आर्थिक सांख्यिकी प्रभाग (ईएसडी) महत्वपूर्ण आर्थिक जनगणना और वार्षिक औद्योगिक सर्वेक्षण भी आयोजित करता है। यह अखिल-भारतीय औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) का संकलन भी करता है, यह वह है जो हमारी अर्थव्यवस्था की सामान्य दिशा को इंगित करता है 
          7.
          वर्ष 2014 से, जब से जीडीपी अनुमानों की गणना के आधार वर्ष को 2011-12 के रूप में परिवर्तित किया गया, तभी से नये आंकड़ों की वैधता निरंतर बहस का विषय बनी हुई है 
          8.
          भारत विश्व की कुछ चुनी हुई विशाल अर्थव्यवस्थाओं में से एक है जिसकी वृद्धि दर लगातार 6 प्रतिशत से अधिक बनी हुई है। ऐसी दूसरी अर्थव्यवस्था चीन की अर्थव्यवस्था है। विश्व की अन्य सभी अर्थव्यवस्थाएं वर्ष 2008 की मंदी के बाद से उच्च वृद्धि दरें बनाए रखने के लिए संघर्षरत रही हैं 
          9.
          ऐसा कहा जा रहा है कि चीन की अर्थव्यवस्था विशाल ऋण संकट - ऋण के बुलबुले - की चपेट में है जो किसी भी तिमाही में फूट सकता है जिसके परिणामस्वरूप  अति-लाभ वाले बड़े वर्ग अनावृत्त हो सकते हैं। यह सीधे तौर पर ऑस्ट्रेलिया जैसी अर्थव्यवस्थाओं के लिए हानिकारक हो सकता है जिनके चीन के साथ गहरे वस्तु संबंध हैं 
          10.
          भारत की अर्थव्यवस्था मोटे तौर पर अनौपचारिक क्षेत्र से निर्मित है जो रोजगार और जीडीपी आंकड़ों का बड़ा और महत्वपूर्ण योगदानकर्ता है। विमुद्रीकरण इसकी गतिकी को अंततः परिवर्तित कर देगा 
           

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    • Day Facts for 09-01-2017 - ECONOMY AND FINANCE
        • 1. Cashless transactions are now crucial to sectors like petroleum retail. India has 56,190 petrol pumps (including private oil companies). ICICI Bank and HDFC Bank account for 60% of card swipe machines deployed at 52,000 petrol pumps out of the 53,842 public sector fuel retail outlets.
          2. The RBI made a transition from being a shareholder’s institution to a state-owned organization, in the tenure of the first Indian Governor Shri C.D. Deshmukh. He was the third governor of RBI.
          3. The only Prime Minister of India to have also been a Governor of the RBI is Dr. Manmohan Singh (Governor from 1982-1985). Or shall we say the only governor to hold the PM’s post?
          4. The RBI has also played the role of central bank for Pakistan till June 1948, and for Burma (Myanmar) till April 1947. Lord Mountbatten was in a hurry to leave India, for Burma, in those days.
          5. The current logo of the RBI is inspired from the Double Mohur design used by the East India Company.
          6. The first woman to become a deputy governor of RBI is K. J. Udeshi, appointed in 2003.
          7. The Union Budget of India is the Annual financial statement as per Article 112 of the Constitution of India. The budget is presented through (a) the Finance bill and (b) the Appropriation bill, and it has to be passed by both Houses of the Parliament to be effective.
          8. When a full Budget in a normal functioning year of a government is not possible (due to elections, say), an Interim Budget or a 'Vote on Account' is presented.
          9. A 'Vote on Account' deals with the expenditure side of the government's budget only.
          10. An Interim Budget is a complete set of accounts, including both expenditure and receipts. It gives the complete financial statement. It usually has no major policy statements or intentions due to impending changes.


        • 1. अब पेट्रोलियम खुदरा जैसे क्षेत्रों के लिए नकदविहीन लेनदेन महत्वपूर्ण हैं। भारत में 56,190 पेट्रोल पंप हैं (निजी तेल कंपनियों सहित) । सार्वजनिक क्षेत्र के 53,842 खुदरा पेट्रोल पंपों में से 52,000 पेट्रोल पंपों पर कार्ड स्वाइप मशीनों की तैनाती में आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत है
          2. आरबीआई के पहले भारतीय गवर्नर श्री सी. डी. देशमुख के कार्यकाल के दौरान आरबीआई ने एक अंशभाग धारकों की संस्था से एक राज्य के स्वामित्व वाले संगठन के रूप में संक्रमण किया
          3. भारत के ऐसे एकमात्र प्रधानमंत्री जो आरबीआई के गवर्नर भी रह चुके हैं, डॉ. मनमोहन सिंह हैं (वे वर्ष 1982-1985 के दौरान गवर्नर थे) । या हम ऐसे कहें कि प्रधानमंत्री बनने वाले एकमात्र गवर्नर?
          4. जून 1948 तक आरबीआई ने पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक की, और अप्रैल 1947 तक बर्मा (म्यांमार) की केंद्रीय बैंक की भी भूमिका निभाई है। उन दिनों लार्ड माउंटबेटन बर्मा के लिए भारत छोड़ने की जल्दी में थे
          5. आरबीआई का वर्तमान प्रतीक चिन्ह ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा उपयोग किये गए डबल मोहर डिजाईन से प्रेरित है
          6. आरबीआई की पहली महिला डिप्टी गवर्नर श्रीमती के. जे उदेशी हैं, जिनकी नियुक्ति वर्ष 2003 में की गई थी
          7. भारत का केंद्रीय बजट संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार वार्षिक वित्तीय विवरण है। बजट का प्रस्तुतीकरण (ए) एक वित्त विधेयक के रूप में और (बी) एक विनियोग विधेयक के रूप में किया जाता है, और इसे प्रभावशाली होने के लिए संडास के दोनों सदनों द्वारा इसे पारित करना आवश्यक है
          8. जब सरकार के सामान्य कार्यकाल के दौरान एक सामान्य बजट प्रस्तुत करना संभव नहीं होता है (जैसे चुनाव के कारण) तो एक अंतरिम बजट या लेखानुदान प्रस्तुत किया जाता है
          9. लेखानुदान केवल सरकार के व्यय पक्ष से ही संबंधित होता है
          10. अंतरिम बजट विवरणों का एक संपूर्ण समुच्चय होता है, जिसमें व्यय और प्राप्तियां दोनों शामिल होती हैं। यह एक संपूर्ण वित्तीय विवरण देता है। आसन्न परिवर्तन के कारण इसमें आमतौर पर कोई प्रमुख नीतिगत विवरण या इरादों का विवरण नहीं होता


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Economy and Finance Facts | अर्थव्यवस्था एवं वित्त तथ्य

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    • Day Facts for 02-01-2017 - ECONOMY AND FINANCE
        • 1. Ancient counterfeiters – Ancient Chinese often cut out the hearts currency counterfeiters - those faking the emperor’s paper currency. Also, in 1817, the British hanged 313 people for making or passing phony bank notes.
          2. Coins in India – Coins are minted at the India Government Mints at Mumbai, Alipore (Kolkata), Saifabad (Hyderabad), Cherlapally (Hyderabad) and NOIDA (UP).  Symbols can be used to find mint location – dot = Noida, diamond = Mumbai, star = Hyderabad and nothing = Kolkata.
          3. A coin worth Rs.1000? The Coinage Act of 2011 allows issuing of coins up to a denomination of Rs. 1000. The coins are issued for circulation only through the Reserve Bank in terms of the RBI Act. [ Read more? https://goo.gl/esz6DS  ]
          4. Highest denomination ever? The government of Hungary printed the highest denomination ever created in 1946. It printed a bank note worth 100 quintillion pengoes. A hundred quintillion = 100,000,000,000,000,000,000. (We are lucky India only has upto Rs.2000!)
          5. How much total money exists in the world? Depends on Definition. There are multiple answers to it, depending on definition. More abstract the definition, higher the amount.  Examples – the market capitalizations of publicly-traded companies, the value of all stock markets, total of all global debt etc.
          6. How much total money exists in the world? Actual Amounts now. From point above, a small market is for Bitcoins (= $5 billion), then Silver above-ground stock (= $14 billion), and upto the world’s largest markets (Derivatives on a notional contract basis = somewhere in the range of $630 trillion to $1.2 quadrillion).
          7. Mahatma Gandhi’s image – The image of Mahatma Gandhi on the currency notes is not hand-drawn, but a copy of a photo taken in 1947 in which he is smiling at a person nearby.
          8. Oldest money? It is claimed that the oldest “money” ever found are small pieces of obsidian that were used in Turkey as far back as 12,000 B.C.
          9. Official Gold holdings in the World – All governments/central banks together hold 33,181 tonnes gold in the world, of which US holds 8133 tonnes, Germany 3377 tonnes, IMF 2814 tonnes, Italy 2451 tonnes, etc. India comes at No.11 with 557 tonnes. [ Read more?  https://goo.gl/F4mWbH  ]
          10. Public Gold –Government of India claimed that in addition to RBI’s 557 tonnes, the public in India holds another 20,000 tonnes of gold!


        • 1. प्राचीन जालसाज - प्राचीन चीनी लोग अक्सर मुद्रा जालसाजों के हृदय को काट कर बाहर निकाल देते थे - वे लोग जो सम्राट की कागजी मुद्रा की जालसाजी करते थे। इसी प्रकार, वर्ष 1817 में ब्रिटिशों ने 313 ऐसे लोगों को फांसी पर लटका दिया था जो या तो जाली मुद्रा का निर्माण करते थे या उन्हें चलाते थे
          2. भारत में सिक्के - भारत में सिक्कों की ढलाई भारत सरकार की मुंबई, अलीपुर (कोलकाता), सैफाबाद (हैदराबाद), चेर्लापल्ली (हैदराबाद), नॉएडा (उत्तरप्रदेश) की टकसालों में की जाती है। ढलाई के स्थान का पता लगाने के लिए प्रतीक चिन्हों का उपयोग किया जा सकता है - बिंदु = नॉएडा, हीरे की आकृति = मुंबई - सितारा = हैदराबाद और यदि कोई चिन्ह नहीं है तो = कोलकाता
          3. 1000 रुपये मूल्य का एक सिक्का? - वर्ष 2011 का सिक्का ढलाई (टंकण) अधिनियम 1000 रुपये मूल्य तक के सिक्के की ढलाई की अनुमति देता है। इन सिक्कों को चलन में आरबीआई अधिनियम के तहत आरबीआई द्वारा ही लाया जा सकता है [अधिक पढ़ें? https://goo.gl/esz6DS ]
          4. अब तक का सर्वाधिक मूल्य? - हंगरी की सरकार ने वर्ष 1946 में अब तक के सर्वाधिक मूल्य की मुद्रा का निर्माण किया था। उसने 100 क्विन्टिलियन ख्क्विन्टिलियन =एक के पश्चात 18 शून्य), पेंगोस के मूल्य की मुद्रा की छपाई की थी। एक सौ क्विन्टिलियन = 100,000,000,000,000,000,000 (हम सौभाग्यशाली हैं कि भारत में केवल 2000 रुपये तक की ही मुद्रा है)
          5. विश्व में कितनी मुद्रा अस्तित्व में है? - यह परिभाषा पर निर्भर करता है। परिभाषा के आधार पर इसके बहुविध उत्तर हैं। परिभाषा जितनी अमूर्त होगी उतनी ही मात्रा अधिक होगी। उदाहरण - सार्वजनिक दूप से व्यापार करने वाली कंपनियों का बाजार पूंजीकरण, सभी शेयर बाजारों का मूल्य, सभी वैश्विक ऋणों का योग इत्यादि
          6. विश्व में कितनी मुद्रा अस्तित्व में है? - वर्तमान में वास्तविक मात्रा। उपरोक्त बिंदु से, एक छोटा बाजार बिटकॉइन के लिए (= 5 अरब डॉलर), फिर भूमि की सतह से ऊपर चाँदी (= 14 अरब डॉलर), और विश्व के सबसे बड़े बाजारों तक (एक काल्पनिक अनुबंध के आधार पर डेरिवेटिव = 630 खरब डॉलर से 1.2 करोड़ शंख के आसपास)
          7. महात्मा गाँधी का चित्र - नोटों पर मुद्रित होने वाला महात्मा गाँधी का चित्र हाथ से बना हुआ नहीं है बल्कि यह 1947 के उनके एक छायाचित्र से लिया गया है जिसमें वे निकट खड़े एक व्यक्ति की ओर देखकर मुस्कुरा रहे हैं
          8. सबसे प्राचीन मुद्रा? - यह दावा किया जाता है कि सबसे प्राचीन ज्ञात मुद्रा लावा कांच के छोटे टुकड़े थे जिनका उपयोग तुर्की में 12,000 ईसापूर्व जितने प्राचीन समय के दौरान किया जाता था
          9. विश्व का आधिकारिक स्वर्ण धारण - सभी सरकारें ध् केंद्रीय बैंकें मिलकर विश्व में कुल 33,181 टन स्वर्ण धारण करती हैं, जिसमें से अमेरिका में 8133 टन, जर्मनी में 3377 टन, अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष के पास 2814 टन, इटली में 2451 टन इत्यादि धारण किया गया है। भारत का क्रमांक ग्यारहवां है जहाँ 557 टन स्वर्ण धारण किया हुआ है। [अधिक पढ़ें? https://goo.gl/F4mWbH ]
          10. सार्वजनिक स्वर्ण - भारत सरकार ने दावा किया था कि आरबीआई के पास जमा 557 टन स्वर्ण के अतिरिक्त भारत की आम-जनता के पास भी 20,000 टन स्वर्ण मौजूद है !

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    • Day Facts for 26-12-2016 - ECONOMY AND FINANCE
        • 1. India is a member of almost all major world economic and trade organizations – the IMF, World Bank, WTO, SAFTA, BRICS, G-20, East Asia Summit, G8+5, SAARC, AIIB, BIMSTEC, RCEP, SCO, and United Nations
          2. For all its problems, Indian economy is likely to do well in next few decades due to large percent of young in its population, habit of saving, and openness to global trade and brands.
          3. India’s history of commerce and trade is deep – citizens of the Indus Valley Civilisation (2800 BC – 1800 BC) practised agriculture, used weights and measures, made tools, domesticated animals, and traded with other cities across the Oceans!
          4. The first major economic reform in India happened in 1991 under pressure, when the Soviet Union collapsed and Indian balance of payments crisis happened.
          5. India consistently ranks in top 3 in the world in agriculture output, but share in GDP remains low accounting for less than 17%.
          6. India’s foreign exchange reserves have remained above US $ 360 billion for some time now.
          7. Indian economy may grow by approximately 7% plus in 2016-17 as per various estimates.
          8. Mumbai, Maharashtra is considered the financial capital of India.
          9. Maharashtra, Tamil Nadu and Uttar Pradesh are the three most industrialized states of India.
          10. The Services Sector in India is a huge contributor to national GDP, but with relatively low employment-intensity, it leads to a skewed GDP composition.


        • 1. भारत विश्व के लगभग सभी प्रमुख आर्थिक तथा व्यापारिक संगठनों का सदस्य है – अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष, विश्व बैंक, विश्व व्यापार संगठन, दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र (साफ्टा), ब्रिक्स, जी-20, पूर्व एशियाई परिषद, जी8 + 5, दक्सेस, एशियाई अधोसंरचना एवं निवेश बैंक (एआईआईबी), बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय प्रौद्योगिकी एवं आर्थिक सहयोग पहल (बिम्सटेक), क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी), शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ), और संयुक्त राष्ट्र संघ
          2. इसकी सभी समस्याओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था के अगले कुछ दशकों के दौरान अच्छे प्रदर्शन की संभावना है, इसके कारण हैं इसकी जनसंख्या का बड़ा हिस्सा युवा है, बचत करने की आदत, और वैश्विक व्यापार और ब्रांड्स के प्रति इसका खुलापन
          3. व्यापार और वाणिज्य का भारत का इतिहास काफी गहरा है – सिंधु घाटी की सभ्यता (ईसापूर्व 2800 - 1800) के नागरिक कृषि करते थे, वजन एवं मापों का उपयोग करते थे, उपकरणों का निर्माण करते थे, पशुओं को पालतू बनाते थे, और महासागरों के पार के शहरों के साथ व्यापार करते थे !
          4. भारत में पहले प्रमुख आर्थिक सुधार वर्ष 1991 में दबाव के तहत तब किये गए थे जब सोवियत संघ का पतन हो गया था और भारत में भुगतान संतुलन का संकट पैदा हुआ था
          5. कृषि पैदावार में भारत लगातार विश्व के शीर्ष 3 देशों में बना हुआ है, परंतु सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में हिस्सेदारी कम रही है, जो 17 प्रतिशत से कम है
          6. हाल के कुछ समय के दौरान भारत के विदेशी विनिमय भंडार 360 अरब डॉलर से अधिक रहे हैं
          7. विभिन्न अनुमानों के अनुसार वर्ष 2016-17 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में लगभग 7 प्रतिशत से अधिक की दर से वृद्धि होने की संभावना है
          8. महाराष्ट्र में स्थित मुंबई को देश की आर्थिक राजधानी माना जाता है
          9. महाराष्ट्र, तमिलनाडु और उत्तरप्रदेश देश के तीन सर्वाधिक औद्योगीकृत राज्य हैं
          10. भारत का सेवा क्षेत्र राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का विशाल योगदानकर्ता है, हालांकि इसकी रोजगार सघनता सापेक्ष रूप से कम है, जिसका परिणाम विषम सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) संयोजन में होता है

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Economy and Finance Facts | अर्थव्यवस्था एवं वित्त तथ्य

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    • Day Facts for 19-12-2016 - ECONOMY AND FINANCE 
        • 1. The Great Recession - which officially lasted from December 2007 to June 2009 - began with the bursting of an 8 trillion dollar housing bubble in the USA
          2. In 2008 and 2009, the U.S. labor market lost 8.4 million jobs, or 6.1% of all payroll employment.  This was the most dramatic employment contraction (by far) of any recession since the Great Depression
          3. The Asian financial crisis started in Thailand in May 1997 with the collapse of the Thai baht, and gradually gripped much of East Asia
          4. The seeds of the 1997-98 Asian financial crisis were sown during the previous decade when these countries were experiencing unprecedented economic growth
          5.  Foreign debt-to-GDP ratios rose from 100% to 167% in the four large Association of Southeast Asian Nations (ASEAN) economies in 1993–96, then shot up beyond 180% during the worst of the crisis
          6. During 1996, Indonesia received the world’s third largest share of private foreign capital inflows ($17.9b)
          7. A second notable feature of the crisis of 1997-8 was the volume of the IMF bailouts that were negotiated
          8. The December 1997 South Korean bailout of $57b dwarfed what was formerly the world’s largest bailout of Mexico in February 1995 (valued at $50b)
          9. The crisis of 1997-8 occurred after the IMF had implemented an important new set of safeguards embodied in the “Special Information Dissemination Standard”
          10. India remained insulated from this crisis largely because of an insulated banking system and no capital account convertibility.

        • 1. महान मंदी – जो आधिकारिक रूप से दिसंबर 2007 में शुरू हुई और जून 2009 तक जारी रही – की शुरुआत अमेरिका में 8 खरब डॉलर के आवास क्षेत्र के बुलबुले के फूटने के कारण हुई
          2. वर्ष 2008 सुर 2009 के दौरान अमेरिकी श्रम बाजार में 84 लाख या कुल रोजगार के 6.1 प्रतिशत रोजगारों की हानि हुई। यह 1930 के दशक की महान मंदी के बाद हुई किसी भी मंदी के दौरान हुआ अब तक का सबसे बड़ा रोजगार संकुचन था
          3. एशियाई वित्तीय संकट की शुरुआत मई 1997 में थाई बहत के पतन से थाईलैंड से हुई, और धीरे-धीरे इसने संपूर्ण पूर्वी एशिया को अपनी चपेट में ले लिया
          4. 1997-98 के एशियाई वित्तीय संकट के बीज पिछले दशक के दौरान ही तब बोए गए जब इन अर्थव्यवस्थाओं में अप्रत्याशित आर्थिक वृद्धि देखी जा रही थी
          5. 1993-96 के दौरान चार बड़े आसियान देशों में विदेशी ऋण से जीडीपी अनुपात 100 प्रतिशत से बढ़कर 167 प्रतिशत हुआ, और संकट के सबसे बुरे काल में यह बढ़कर 180 प्रतिशत तक पहुँच गया
          6. वर्ष 1996 के दौरान इंडोनेशिया को विश्व का तीसरा सबसे बड़ा निजी विदेशी निवेश अंतर्वाह प्राप्त हुआ (17.2 अरब डॉलर)
          7. 1997-98 के संकट की दूसरी उल्लेखनीय विशेषता थी अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा दी गई आर्थिक खैरात
          8. दिसंबर 1997 में दक्षिण कोरिया को दी गई 57 अरब डॉलर की खैरात ने फरवरी 1995 में मेक्सिको को प्रदान की गई विशालकाय 50 अर्ब डॉलर की खैरात को बौना बना दिया
          9. 1997-98 के संकट की विशेषता थी कि इसकी शुरुआत अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा क्रियान्वित किये गये ‘विशेष सूचना आदान- प्रदान मानकों’ के महत्वपूर्ण सुरक्षा उपायों के बाद हुई 

          10. भारत इस समस्या से बच गया क्योंकि हमारी बैंकिंग व्यवस्था पर कवच था, और भारत में पूँजी खाता परिवर्तनीयता नहीं थी

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    • Day Facts for 12-12-2016 - ECONOMY AND FINANCE
        • 1. Total high denomination notes in circulation prior to demonetization on 08-11-2016 was around Rs.14.5 lakh crore
          2. RBI maintained the repo rate at 6.25% in its Dec.9 Monetary Policy Committee (MPC) review meeting
          3. Notes of   Rs.500 denomination came into circulation in October 1987
          4. Notes of  Rs.1000 denomination were reintroduced in 1954 and demonetized in January 1978. Then they made a comeback in November 2000, and went away in November 2016.
          5. Rs. 2000 denomination note has been introduced for the first time in India in Nov 2016.
          6. The highest denomination note ever printed by the RBI was the Rs.10,000 note in 1938, and again in 1954.
          7. In the year 1980, the legend Satyameva Jayate was incorporated under the national emblem, on currecy notes, for the first time.
          8. Governor Urjit Patel is the 24th Governor of the R.B.I.
          9. India has 27 Public Sector Banks in India, including SBI + 5 Associates, and 19 Nationalised Banks [ 27 = (5+1) + 19 + 2 (IDBI, BMB) ]
          10. The dollar has been rising against almost all rich world currencies for some weeks now, putting trade relations under great strain.

        • 1. ०८-११-२०१६ को हुए विमुद्रीकरण के पूर्व अर्थव्यवस्था में उच्च-मूल्य के 14.5 लाख करोड़ मूल्य के कुल नोट चलन में थे
          2. आरबीआई ने ९ दिसंबर २०१६ की अपनी मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो दर को ६.२५ प्रतिशत पर बनाए रखा
          3. ५०० रुपये मूल्य के नोट पहली बार अक्टूबर 1987 में चलन में आये
          4. १००० रुपये मूल्य के नोटों को १९५४ में पुनः शुरू किया गया और जनवरी १९७८ में इनका विमुद्रीकरण किया गया। नवम्बर २००० में १००० रुपये के नोट पुनः शुरू किये गए और नवम्बर २०१६ में इनका विमुद्रीकरण किया गया।
          5. २००० रुपये मूल्य के नोट पहली बार नवम्बर २०१६ में शुरू किये गए।
          6. आरबीआई द्वारा मुद्रित अधिकतम मूल्य के नोट थे १९३८ में पहली बार और फिर से १९५४ में मुद्रित १०,००० रुपये मूल्य के नोट।
          7. करेंसी नोटों में, वर्ष १९८० में, सत्यमेव जयते को पहली बार राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह के नीचे अंकित किया गया।
          8. गवर्नर उर्जित पटेल आर.बी.आई. के २४ वे गवर्नर हैं।
          9. भारत में २७ सरकारी क्षेत्र बैंकें हैं, जिनमें एस.बी.आई. और उसकी ५ सहयोगी बैंकें हैं, और १९ राष्ट्रीयकृत बैंकें भी हैं [ २७ = (५+१) + १९ + २ (आईडीबीआई, बीएमबी) ]
          10. अन्य अमीर देशों के सापेक्ष डॉलर लगातार कुछ हफ़्तों से बढ़ता जा रहा है, जिससे व्यापार रिश्ते बेहद तनाव में हैं 



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